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निर्देशक: केदार शर्मा अभिनेता: दिनकर, संतोषा नंद, काका हाथरथी, सोम ठाकुर, बेकल, नीरज, राधेश्याम, शैल चतुर्वेदी, गोविंद व्यास, निर्भय हाथरथी, बाल कवि बैरागी, ओम प्रकाश, माणिक वर्मा, केदार शर्मा, गोपाल प्रसाद व्यास अभिनेत्री: स्नेहलता, मायादेवी, विमलेश |
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सेंसर बोर्ड विवरण |
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ग्रेड : - | प्रमाणपत्र संख्या : 68969 | प्रमाण पत्र की तिथि : 18/02/1972 | कार्यालय : |
नाप : - | लंबाई : 2828 मीटर | रील : 0 | रंग : रंगीन |
स्थानीय भाषा : | डब भाषाएँ : |
ट्रैक 1 : झूमे चरण के नीचे मैं उमंग में गाऊँ... |
ट्रैक 2 : जिसने जन-जन का रूप तराशा है... |
ट्रैक 3 : लक्ष्मी मैया वर दे काका कवि को इसी वर्ष करोड़पति कर दे... |
ट्रैक 4 : सागर चरण पखारे गंगा शीश चढ़ाए नीर... |
ट्रैक 5 : नदियाँ प्यासी, खेत उपासे, उजड़े हैं खलिहान ... |
ट्रैक 6 : खुशी जिसने खोजी, वह धन ले के लौटा... |
ट्रैक 7 : तन की सीमाएं चेतन बैरागी है... |
ट्रैक 8 : सिपाही देश के मेरे, कफ़न को बाँध के सर से... |
ट्रैक 9 : वैसे तो मैं एक शरीफ़ इन्सान हूँ, आप ही की तरह श्रीमान हूँ... |
ट्रैक 10 : मैं हार गया, मैं हार गया मैं हाय Election हार गया... |
ट्रैक 11 : तुम एक बार आ जाओ प्रिये तो आँचल बाँध सुहाग ओढूँ... |
ट्रैक 12 : एक मिनिस्टर को गुस्सा आया, तो चपरासी पर चिल्लाया... |
ट्रैक 13 : नेहरु चाचा ओ, कि कश्मीर कि धरती पर जो भी आँख उठाएगा... |
ट्रैक 14 : अस्पताल से बोल रहा हूँ, दुर्घटना अचानक घट गई बस के आगे... |
ट्रैक 15 : आज का मनहूस दिन भगवान जाने कैसे कटेगा... |
ट्रैक 16 : एक दिन राधा ने बंसुरिया नंदलाल की चुपके से चुरा ली... |
ट्रैक 17 : रहिबे को मकान होय अट्टा दार, और हाथ सिलबट्टा पर उच्च्क्का... |