ट्रैक 1 : जान नादान खेती से सारी बहार है, हो... खेत ही सबका आधार है |
ट्रैक 2 : मीठी बोली फिर बोली कोयलिया, क्या प्यारी, क्या न्यारी |
ट्रैक 3 : यह सुना है मैंने जादू है, राजाजी के पद पंकज में ( दोहे एवं छंद लेखन- पं. राधेश्याम कथावाचक ) |
ट्रैक 4 : साक़ी इधर भी जाम, खड़ी हूँ आस लगाये |
ट्रैक 5 : खोटी दुनिया बड़ी रंगीली, देख न धोखा खाना |
ट्रैक 6 : नहीं खतरे से खाली इश्क़ के... छीन लिया दिल आँख मिला के |
ट्रैक 7 : हटो री हार गई गोरी, चली ना चाल कोई तोरी |
ट्रैक 8 : ऐसी छछंदी मैं लुगाई रे, जियरा लागो देवर से |
ट्रैक 9 : बस्बी भर में पड़ी है हलचल, जल्द निकल इंसाफ़ के सूरज |
ट्रैक 10 : कहती है इंसानियत, जितने हैं इन्साँ एक हैं |
ट्रैक 11 : राखो लाज हमारी प्यारे, दिल की बात समज लो दिल में |
ट्रैक 12 : देखो डगर न छेंको हट जाओ, अब मानो मोरी रे |