ट्रैक 1 : अरे नादां शादमां बन कर क्यूँ इतराए खल्क में... |
ट्रैक 2 : बनूंगा क़त्ल जंग पुरनूर बहादुर मैं क़िस्मतवाला... |
ट्रैक 3 : थी जिनके दबदबे की सब खल्क में दोहाई, कुछ बस चला न उसका... |
ट्रैक 4 : हिन्दू नहीं मुसलमां भी नहीं तुझे दीन धरम की खबर ही नहीं... |
ट्रैक 5 : होता शरीके-क़िस्मत गर आस्मां हमारा, दुश्मन कभी न बनता सारा जहाँ हमारा... |
ट्रैक 6 : खालिक़ अक़बर क़ादिर तू कु़दरतवाला, दो जहान का मालिक... |
ट्रैक 7 : कोई मिसकीन को दो खैरात माई बाबा, सखी का लाल कहलाता है... |
ट्रैक 8 : जोबन मस्ताना मोरा मुई चोली मस्की जाए, नाज़ुक पतली मोरी कमरिया... |
ट्रैक 9 : नाहीं परे जी को चैन खुदाया, छाई है दिल पर ग़म की बदरिया... |
ट्रैक 10 : लब पे आती है हँसी और जिगर जलता है, क्या तमाशा है कि... |
ट्रैक 11 : हाजिर कर इस दम मेरा सदका, मेरे निकले अरमां आख़री शबे शव्वाल... |